Book Title: Science And Jain Philosophy
Author(s): Raksha J Shah, Abhijit Muni, Pooja Banthia
Publisher: International Conference on Science and Jain Philosophy

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Page 12
________________ BLESSINGS तेरापंथ अर्हम् 5 नवम्बर 2015 दुनिया को अध्यात्म और विज्ञान दोनों की आवश्यकता है। दोनों में समानता है तो असमानताएं भी हैं। मेरा मंतव्य है कि 'सत्य की खोज के क्षेत्र में दोनों समान हैं। अंतर यह है कि अध्यात्म आत्मा की खोज का लक्ष्य रखता है और विज्ञान संभवतया मुख्यतः भौतिक जगत की खोज का उद्देश्य रखता है। अध्यात्म का लक्ष्य है मोक्ष, सभी प्रकार के दुखों से मुक्ति। विज्ञान का मुख्य लक्ष्य संभवतः पदार्थ से जुड़े सत्य की खोज करना है, मानव को अधिक से अधिक सुविधा उपलब्ध कराना है। मेरा मंतव्य है कि अध्यात्म और विज्ञान दोनों का समन्वय मानव के समुचित विकास में सहायक बन सकता है। जैन धर्म के कई सिद्धान्तों में विज्ञान की सहमति दृष्टिगोचर होती है तो कई सिद्धान्त अब तक विज्ञान से परे भी हैं। आधुनिक युग में विज्ञान के माध्यम से जैन सिद्धान्तों को समझने और समझाने में कुछ सुगमता भी हो सकती है। भगवान महावीर अतर्राष्ट्रीय अनुसंधान केन्द्र, जैन विश्व भारती संस्थान द्वारा समायोज्य विज्ञान और जैन दर्शन' विषयक अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन निष्पत्तिपूर्ण हो, शुभाशंसा। विराटनगर (नेपाल) आचार्य महाश्रमण जैन श्वेताम्बर तेरापंथी महासभा प्रधान कार्यालय-3,पोर्चुगीज चर्च स्ट्रीट, कोलकाता-700 001 दूरभाष: (033) 22367956 22343598 फैक्स: 22343666 शिविर कार्यालय सपर्क सूत्र-हेमन्त बंद - 9672986860 Email - campotfice13@gmail.com 11

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