Book Title: Savruttik Aagam Sootraani 1 Part 33 Pindniryukti Mool evam Vrutti
Author(s): Anandsagarsuri, Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Vardhaman Jain Agam Mandir Samstha Palitana
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नमो नमो निम्मलदंसणस्स पूज्य आनंद-क्षमा-ललित-सुशील-सुधर्मसागर गुरुभ्यो नम:
[भाग-३३] आगम 41/2
पूज्य आगमोध्धारक आचार्य श्री सागरानंदसूरीश्वरेण संशोधित: संपादितश्च “पिण्डनियुक्ति: मूलसूत्र” [मूलं + भाष्यं + मलयगिरिसूरि-रचिता वृत्तिः]
(किंचित् वैशिष्ठ्यं समर्पितेन सह) मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: “पिण्डनियुक्ति” मूलं एवं वृत्ति: नामेण परिसमाप्ता
> "सवृत्तिक-आगम-सुत्ताणि” श्रेणि, भाग-33
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