Book Title: Saravali
Author(s): Kalyanvarman, V Subhramanya Shastri
Publisher: Pandurang Javji
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॥श्रीः॥ सारावली । श्रीमत्कल्याणवर्मविरचिता।
इयं
वे० सुब्रह्मण्यशास्त्री बी. ए. इत्येतैः
पाठान्तरैः संस्कृता ।
तस्येयं तृतीयावृत्तिः
मुम्बय्यां पाण्डुरङ्ग जावजी इत्यैतेः स्वीये निर्णयसागराख्यमुद्रणयत्रालये
संमुय प्राकाश्यं नीता ।
शाकः १८४९, सन १९२८.
मूल्यं १॥ सार्थ रूप्यकम्।
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