Book Title: Santikaram Pujanam
Author(s): Ratilal Nathalal
Publisher: Jashbhai Lalbhai Vidhikarak

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Page 36
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir २२ ॐ श्री गोमेध-अम्बिकाभ्यां नमः स्वाहा २३ ॐ पाव-पावतीभ्यां नमः स्वाहा २४ ॐ श्री माता-सिद्धायिकाको नमः साहा . - यावीश यक्षने सुभioreी ४२वी. ये केवले सुरगणे मिलिते जिनाये श्री संघरक्षणविचक्षणतां विदध्युः । यक्षास्त एव परमद्धिविवृद्धिभाज आयान्तु शान्तहृदया जिनपूजनेत्र । (मध्य) जिनानां यक्ष-यक्षिण्यो, जिनशासनवत्सलाः । अय॑मादाय कल्याण, कुर्वन्तु च जयश्रियम् (A' आप ચતુનિ કાય દેવપૂજા सुभiorel : ये चतुषष्ठिदेवेन्द्रा, भवने शादयो मुदा । ते च भक्त्यार्चिता पूजां स्वीकुर्वन्तु शुभाश्रयाः ॥ ॐ नमो वैमानि केभ्यः स्वाहा ( न) ॐ नमो भुवस्पतिभ्यः स्वाहा (REE) ॐ नमो व्यवरेन्यः स्वाझ * नमो जिम्मा वाम For Private and Personal Use Only

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