Book Title: Sanskrut ke Do Aetihasik Champu
Author(s): Baldev Upadhyay
Publisher: Z_Agarchand_Nahta_Abhinandan_Granth_Part_2_012043.pdf

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Page 4
________________ स्कन्धावारमभूत् क्षणेन समरे तस्मिन्निजामात्मजे वीरे हन्त धनौघरत्नपटलीलुण्टाकहूणोत्करम् // आनन्दरंग 750 मद्रासका तमिल नाम 'चेन्नपद्रन' या 'चेन्नपुरी' है। इस नामके रहस्यका उद्घाटन यह चम्प करता है। मद्रासके किलेके पास ही 'चेन्नकेशव'का मन्दिर था और उन्हींके नामपर यह नगर 'चेन्नकेशवपुर' कहलाता था; उसीका संक्षिप्त रूप 'चेन्नपट्टन' है। इसका निर्देश दो बार इस चम्पमें है' / फलत: इतिहास तथा साहित्य दोनों दुष्टियोंसे यह चम्प महत्त्व रखता है। (ख) आनिनाय स पुरं नवमेतत् चेन्नकेशवपुरार्यकसार्थम्, पृ० 69 / इतिहास और पुरातत्त्व : 145 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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