Book Title: Sanskrit Vyakaran Shastra ka Itihas 02
Author(s): Yudhishthir Mimansak
Publisher: Yudhishthir Mimansak
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[१७]
अन्य ग्रन्थ १०६; १५. काश्यप १०७; १६. आत्रेय १०७; १७. हेलाराज १०६; १८. सायण-परिचय ११०, धातुवृत्ति का निर्माण काल ११०, धातुवृत्ति का निर्माता १११, धातुवृत्ति का वैशिष्ट्य १११; प्रक्रिया-ग्रन्थों के अन्तर्गत धातुव्याख्यान ११२ । २२-धातुपाठ के प्रवक्ता और व्याख्याता (३)
[पाणिनि से उत्तरवर्ती] ११५ ७. कातन्त्र-धातु-प्रवक्ता-११६, कातन्त्र धातुपाठ ११६, काशकृत्स्न का संक्षेप ११६, हस्तलेख ११६, कातन्त्र धातुपाठ का शर्ववर्मा द्वारा पुनः संक्षेप ११७, दुर्गसिंह द्वारा पुनः परिष्कार ११७; वृत्तिकार-१. शर्ववर्मा ११८, २. दुर्गसिंह ११६, ३. त्रिलोचनदास १२०, ४. रमानाथ १२१, ८. चन्द्रगोमी-१२२, वृत्तिकार-१. चन्द्र १२४, २. पूर्णचन्द्र १२५, ३. कश्यपभिक्षु १२५ । ६. क्षपणक १२६ । १०. देवनन्दी १२६, दो पाठ १२६, वृत्तिकार-१. देवनन्दी १२७, २. श्रुतपाल १२८, ३. प्रार्यश्रुतकीर्ति १२६, ४. वंशीधर १२६ । ११. वामन १२६ । १२. पाल्यकोति १३०, वत्तिकार-१. पाल्यकीर्ति १३१, २. धनपाल १३२, प्रक्रियाग्रन्थकार १३२ । १३. शिवस्वामी १३२ । १४. भोजदेव १३३, वृत्तिकार-नाथीय वृत्तिकार १३३, प्रक्रियान्तर्गत धातुव्याख्यान १३३ । १५. बुद्धिसागर सूरि १३३ । १६. भद्रेश्वर सूरि १३४। १७. हेमचन्द्रसूरि १३५, वृत्तिकार-१. हेमचन्द्र .१३५, २. गुणरत्न १३५, ३. जयवीर गणि १३६, ४. अज्ञातनामा-टिप्पणीकार १३७, ५. आख्यात वृत्तिकार १३७, ६. श्रीहर्ष कुल गणि १३७ । १८. मलयगिरि १३८ । १६. क्रमदीश्वर १३८ । २०. सारस्वत-धातुपाठकार' १३८ । २१. वोपदेव' १३८ । २२. पद्मनाभदत्त १३८ । २३. विनयसागर १३८ । सारस्वत धातुपाठ १३८ । वोपदेवीय धातुपाठ कविकल्पद्रुम १४०, व्याख्या--कविकामधेनू-रामनाथीय, धातुदीपिका १४० । धातुपाठसम्बद्धकतिपय ग्रन्थ और ग्रन्थकार १४०, अज्ञात सम्बध हस्तलिखित ग्रन्थ १४३ ।
१. इसी प्रकरण में आगे देखें।
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