________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandit पृष्ठ श्लोकसं. मं० विषय 45 कलियुग 46 उद्यम 47 चिन्ता 48 राजधर्म 46 वर्ण-धर्म 5. जातिनकारणं 51 गृहस्थ स्वरूप 52 श्रावक 53 निन्दक पृष्ठ श्लोक सं. नं० विषय 66 11 54 श्रोता 55 कृतघ्न निन्दा 56 पर द्रोह 57 प्रवास 58 स्थान महात्म्य 56 स्वच्छन्दी 60 जरा 75 1. 61 क्षुधा 62 अवसर पृष्ठ श्लोक स. नं. विषय 63 मौन 64 पश्चात्प्रशंसा 65 विचार पूर्वक कार्य 66 षट्लेश्या स्वरूप 67 नास्तिक स्वरूप 68 जैन धर्म 66 सप्तनय 7. संकीर्ण प्रकरण 71 आशीर्वाद For Private And Personal use only