Book Title: Sankshipta Jain Itihas Part 03 Khand 01
Author(s): Kamtaprasad Jain
Publisher: Mulchand Kisandas Kapadia

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Page 172
________________ पा० कामताप्रसादजी कृत ऐतिहासिक ग्रन्थभगवान महावीर। यह ग्रन्थ अनेक जैनाचार्य तथा कितने ही मानतीय और पाश्चात्य ईतिहासज्ञ विद्वानोंके २३ ग्रन्थों की सहायतासे लिखा गया है। इसमें वीर भगवान के वितृन जीवनके अतिरिक्त भगवान रुषमदेव, नेमिनाथ और पार्श्वनाथका भी वर्णन है। अंतमें बुद्ध, महावीर एवं महावीरकी सर्वज्ञताके प्रमाण भी दिये गये हैं। पृ० २८० पक्की जिल्द २) कच्ची जिल्द १॥॥) भगवान पार्श्वनाथ । : इसमें भगवान् पार्थनाथका विस्तृत जीवन ऐतिहासिक रीतिसे अतीव खोजपूर्ण लिखा गया है। तथा यह सिद्ध किया है कि म.. पार्श्वनाथ ऐतिहासिक थे, वे जैन धर्मके स्थापक नहीं थे। जैन धर्म की प्राचीनता, पुरात्वकी साक्षी, बद्ध ग्रन्थ, वेद, हिन्दुपुराणा, रामायण, महाभारत, भौर उपनिषदोंमें जैनधर्मका उल्लेख है। इस अन्धका बेन अजेनों में प्रचार करना योग्य है। पृ० ५०० + गुल २॥) मैनेजर, दिगम्बर जैनपुस्तकालय-मरत । Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com

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