Book Title: Sankshipta Jain Itihas Part 03 Khand 01 Author(s): Kamtaprasad Jain Publisher: Mulchand Kisandas Kapadia View full book textPage 7
________________ सौ० सविताबाई - स्मारक ग्रंथमाळा नं. ७ हमारी स्वर्गीय धर्मपत्नी मौ० सविताबाईका वीर मं० २४५६ भादों वदी १० को सिर्फ २२ वर्षकी अल्प आयुमें एक पुत्र चि० बाबूभाई और एक पुत्री चि० दमयंती को ४ और २ वर्षके छोडकर पीलिया रोग से स्वर्गवास होगया था, उनके स्मरणार्थ उस समय २६१२) का दान किया गया था। जिसमें से २०००) स्थायी शास्त्रदानके लिये निकाले थे, जिसकी आयमे प्रति वर्ष एक२ ग्रन्थ नवीन प्रकट करके 'दिगम्बर जैन' या 'जैन महिलादर्श' के ग्राहकों को उपहार में दिया जाता है । माज तक इस ग्रंथमाला से निम्न लिखित ६ ग्रंथ प्रकट हो चुके हैं जो, जैन महिलादर्श या दिगम्बर जैन के ग्राहकों को भेंट दिये बाचुके हैं। १ - ऐतिहासिक स्त्रियां - ( २ - संक्षिप्त जैन इतिहास - ( द्वि० भाग प्र० खण्ड ) ३ - पंचरण - ( वा० कामताप्रसादनी कृत ) ० पं० चंद्राबाई जी कृत ) ॥) ४- संक्षिप्त जैन इतिहास - ( द्वि० भाग, दि० खण्ड ) १ || ) ==) १ = ) (1) ५- वीर पाठावली - ( वा० कामताप्रसादजी कृत ) ६- जैनत्व - ( रमणीक बी० शाह बफीक कृत, गुजराती ) 1= )Page Navigation
1 ... 5 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 ... 179