Book Title: Sangrahani Sutram
Author(s): Lalitvijay
Publisher: Devchand Lalbhai Pustakoddhar Fund

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Page 12
________________ संग्रहणीवृ. ॥ ५ ॥ Jain Education In विषय. .... लेश्यावर्णनम् | देवानामाहारोच्छ्वासवर्णनम् ... स्तोक-लव- मुहूर्त-मानम् .... ... .... .... .... .... विशेषस्वरूपम् चातुर्गतिकजीवानामाहारकालमानम् के जीवा आहारकाः के च अणाहारकाः ---- एकस्मिन् मुहूर्तेऽहोरात्रे च प्राणसंख्या त्रिविधाहारवर्णनम् आहारोच्छ्वासस्वरूपम् यस्यामवस्थायां यो यो आहारः स्यात् तद्गतमेव **** .... | देवस्वरूपवर्णनम् तेषामत्रागमनकारणं च | देवानामवधिस्वरूपाख्यानम् अवधिक्षेत्रस्य संस्थानम् .... .... .... .... .... .... .... !!! .... .... .... पृष्ट. 5 33 ६५ ६६ " ६७ : 35 ६८ ६९ ७० ७१ ७० विषय. चातुर्गतिकजीवाना कस्यां दिशि प्रभूतोऽवधिरिति निरूपणम् .... ( नारकखरूपवर्णनम् ) For Private & Personal Use Only उपपात च्यवन-विरह-कालः www. .... ૮. नरक पृथ्वीनां गोत्राणि नरकपृथ्वीनां नामानि च ७९ पृथ्वीनां पिंडमानमाश्रयश्च पृथ्वीवलयस्वरूपम् नरकावाससंख्या प्रतरसंख्या आवलिकासु नरकावासाश्च प्रतराणामंतरमानम् ८१ ८२ ८५ .... **** **** ( अवगाहनाद्वारं ) अस्मिंश्च नारकाणां जघन्योत्कृष्टा अवगाहना व्या ख्याता .... .... .... .... .... .... ... .... पृष्ठ. विषयानु. **** ७४ ८६ ८७ ॥५॥ fainelibrary.org

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