Book Title: Samyak Charitra Chintamani
Author(s): Pannalal Jain
Publisher: Veer Seva Mandir Trust

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Page 237
________________ सुधि-पत्र पृ० . पं.. १२६६ तिर्वञ्च सम्य- तिर्यों में सम्यक्त्वका पत्यका १६ आयिकाओको बायिकामोंके (प्रका) विष-वेला विष-वेल ६ (भूमिका ) भूतिबनो भूतबलो संयमा संयमों नामानियोऽत्ति नामानि योऽति सचित्तविरलो सचित्तविरतो सचित्त स्याग प्रतिभा सचित्तत्यागप्रतिमा ले. एकदशम दशम १५ १६ ॥ अधोवर्जी अधोवर्ती १६ १७ , समाज समता नोट-समासवाले पदोंके मूढा अधिकांश अलग-अलग छापे गये हैं। शुद्धि-पत्र में उनका संशोधन शक्य नहीं है । अतः संस्कृत विद्वान उनका सशोधन कर पढनेका कष्ट करें।

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