Book Title: Samvat Pravartak Maharaja Vikram
Author(s): Niranjanvijay
Publisher: Niranjanvijay

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Page 752
________________ विक्रम चरित्र श्री उदयभानुने वि. स. 1565 में विक्रमसेन रास की रचना की. वि. सं. 1596 में श्री धर्मसिंहजीने विक्रम रास लिखा. श्रो जिनहरने 1599 में विक्रम पंचदंड रास:लिखा. श्री मानविजयजीने वि. स. १७२२-२३में विक्रमादित्य चरित्र लिखा.. श्री अभयसोमजीने वि. सं. 1727 के करीब विक्रमचरित्र खापरा चोपाई की रचना की. श्री लाभवर्धनजीने विक्रम चोपाई की रचना वि. स. १७२७में की। श्री परमसागरजीने विक्रमादित्य रास वि. स. 1724 में लिखा. श्री अभयसोमजीने विक्रमचरित्र-लीलावती चोपाई वि. स. 1724 में निर्माण की. श्री मानसागरजीने विक्रमसेन रास वि. स. 1724 में लिखा. श्री लक्ष्मीवल्लभजीने विक्रमादित्य पंचदंड रास वि.स.१७२७ में लिख।।। श्री धर्मवर्धने वि. स. 1736 के करीब शनिश्चर विक्रम चोपाई की रचना की. श्री कान्तिविमलजीने वि. स. 1767 में विक्रम कनकावती रास लिखा और श्री भाणविजयजीने विक्रम पंचदंड रास वि. स. / 1830 में लिखा. विक्रमकी अद्भुत बाते श्री रुपमुनिजीने लिखी. ..' महाराजा विक्रमादित्य के जीवनसबंधक यह ग्रंथा आज भी ... साहित्य की दुनिया के अणमोल रत्न है, और जैन ग्रंथभंडारो में , रत्न ही समजकर आजदिन पर्यंत सुरक्षित रख्खे है, ऐसा विश्वविख्यात इतिहासकार साक्षर श्री राहुलजी कहते है. -जैन साक्षरे के लेखो के आधारसे / P.P. Ac. Gunratnasuri M.S. Jun Gun Aaradhak Trust

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