Book Title: Sammaisuttam
Author(s): Siddhasen Divakarsuri, Devendra Kumar Jain
Publisher: Bharatiya Gyanpith

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Page 131
________________ 160 सम्मइसुत्तं लवरसगास असमाण -8 रूवाइपज्जवा जे देहे 1-48 लोइयपरिच्छयसुहो 1-26 पादु भावं किए 3-3 पच्चुप्पण्णम्मि वि पज्जयम्मि 3-6 पज्जवणिस्सामण्णं 1-7 पज्जवणयोक्कत 1-8 पडिपुण्णोबणगुणो जह 1-48 पण्णवणिज्जा भाषा 2-16 परपज्जवेहिं असरिस 3-5 परवत्तजयपक्खा अधिसिट्ठा 2-18 परिगमणं पज्जायो 3-12 परिसुद्धो पयवाओ आगम 3-46 परिसुद्धं सायारं अवियत्तं 2-11 पाक्कणयपहमयं सुतं 9-61 पिउपुसणतुभव्ययभाऊणं 3-17 पुरिसज्जायं तु पडुच्च 1-54 पुरिसम्मि पुरिससद्दो 1-92 बंजणपज्जायस्स उ पुरिसो 1-84 विगमस्स वि एस विहि 3-34 बंधम्मि अपूरते 1-20 बहुयाण एगसद्दे जह 3-40 (भ) भण्णइ खीणावरणे जह 2-5 भषणइ जह चउणाणी 2-15 भण्णइ विसमपरिणयं कह 8-22 भण्णइ संबंधवसा जह 3-20 भई मिच्छादसण समूह 5-70 भवणा विहु भइयच्या 3-27 भविओ सम्मइंसणणाण 3-44 . संखेज्जमसंज्ज अर्णतकपं 2-43 संतम्मि केवले दंसम्मि 2-8 सब्भावासब्भावे देसो 1-40 सम्भावे आइट्ठो देसो 1-38 समण्णाणे णियमेण दसणं 2-83 सम्मइंसणमिणमो सयल 3-62 समयपरमत्यवित्थर 1-2 सब्बणयसमूहम्मि वि त्यि 1-16 सबियप्पणिव्यियप्पं इय 1-35 साई अपज्जवसियं ति 2-31 साभाविओ वि समुदयकओ 3-33 सापण्णम्मि विसेसी 3-1 साहम्मऊ च्च अत्यं 3-56 सिद्धं सिद्धत्थाणं 1-1सिद्धत्तणेण य पुणो 2-86 सीसमईविष्फारणपॅतत्थोयं 3-25 सुत्तं अत्यणिमेणं ण सुत्तमत्तेण 3-64 सुत्तम्मि चेव साई 2-7 सुहदुक्खसंपओगो ण 1-18 भइसुयणाणणिमित्तो 2-27 मणपज्जवणाणतो णाणस्स 2-3 मणपज्जवणाणं ईसणं 2-26 मूल णिमेणं पज्जवणयस्स 1-5 हेउविसओयणीयं जह 3-58 होज्जाहि दुगुणमहुरं 3-19

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