Book Title: Samaysundar Ras Panchak
Author(s): Bhanvarlal Nahta
Publisher: Sadul Rajasthani Research Institute Bikaner

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Page 221
________________ ( १५० ) नगर सुदरसण अति भलउ इम सुणि दूत वचन्न कोपियउ राजा मन्न (ए मृगावतीनी दसमी ढाल) तीर्थङ्कर रे चउवीसइ मई संस्तव्या रे पोषट चाल्यउ रे परणवा चरण करणधर मुनिवर राजा जो मिलै मारग में आंबौ मिल्यौ ते मुझ मिच्छामि दुक्कडं मधुकरनी शील कहै जगि हुं बड़ी तुगियागिरि शिखर सोहै राय गंजण समा स्वामि स्वयंप्रभु सांमलउ बोलड़ो देज्यो संबक पुत्र गिरधर आवैलो कहिज्यो पंडित एह हीयाली करजोड़ी आगलि रही प्राण पीयारी जानुकी नाचै इन्द्र आणंद सुं ऊमटि आई वादली बे बांधव वंदण चल्या Jain Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary.org

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