Book Title: Samaysara
Author(s): Kundkundacharya, Vijay K Jain
Publisher: Vikalp
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वस्तुस्वरूप 14
वात्सल्य 113
वादर 33, 34
विष्णु 154
विशुद्धिस्थान 28
विज्ञान 130
वेदक भाव 105
वेद्यभाव 105
वैराग्य 95, 97, 152
शंख 107
शब्द 27, 175, 176, 177, 180, 185 शरीर 13, 16, 17, 23, 28, 31, 49, 81,
88, 105, 115, 116, 117
शास्त्र 98, 131, 132, 152, 184 शील 72, 74, 131
शुद्ध आत्मा 3, 4, 8, 90, 141, 142, 146 शुद्धनय 9, 10, 11, 86
शुद्धात्मा 6, 8, 11, 88, 89, 90, 145,
146, 196
शुद्धि 146
SHUT 154, 156, 161
श्रुतवली 1, 8
श्रुतज्ञान 8, 68, 99
संक्लेशस्थान 28
संयम 191
संयमलब्धिस्थान 28
संवर 10, 88, 90, 91, 132 संसिद्धि 145
संहनन 28
सचित्त 107, 115, 117
सप्तभय 109
शब्दानुक्रमणिका
समयप्राभृत 1, 196
समयसार 10, 68, 69, 195
समिति 131
सम्यक्चारित्र 75, 113
सम्यक्त्व 10, 76, 78 सम्यग्दर्शन 12, 69, 75, 113
सम्यग्ज्ञान 69, 75, 113, 180 सिद्ध 1, 3, 112, 145 साधित 146
सांख्यमत 58, 60, 161
सुर 154
सोना 70, 89, 106 स्पर्धक 28
स्पर्श 5, 11, 22, 28, 31, 179, 180, 187 स्फटिक मणि 133
स्थितिकरण 112
स्थितिबंधस्थान 28
स्वसमय 3, 11
हिंसा 126
क्षीणमोह गुणस्थान 3, 19
3, 5, 7, 8, 11, 12, 13, 15, 18, 19, 20, 21, 22, 37, 49, 51, 57, 61, 62, 63, 64, 65, 66, 69, 73, 74, 75, 76, 78, 82, 83, 88, 90, 91, 97, 98, 99, 100, 107, 113, 114,
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