Book Title: Samarsinh Author(s): Gyansundar Publisher: Jain Aetihasik Gyanbhandar View full book textPage 2
________________ भी जम ऐतिहासिक ज्ञान सरोज संख्या , E MA की श्री रत्नप्रभसूरिपादपद्मभ्यो नमः श्रीमदुपकेश गच्छाचार्य श्री सिद्धसूरि के उपदेश से शत्रुञ्जय तीर्थ के पंद्रहवाँ उद्धार को करानेवाले श्रेष्ठीगोत्रीय तिलंगदेशका स्वामी धर्मवीर समरसिंह। ले खक, मुनि श्री ज्ञानसुन्दरजी महाराज द्रव्य-सहायकश्री संघ-लुनावा (मारवाड़). [ज्ञानखाते के चन्दे से ] प्रकाशक, श्री जैन ऐतिहासिक ज्ञान-भंडार, जोधपुर (राजपूताना) की प्रति ४०० ] सर्व हक्क स्वाधीन. [ विक्रम सं. १९८७ मूल्य ।।) Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.comPage Navigation
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