Book Title: Sakaratmak Ahimsa
Author(s): Kanhaiyalal Lodha
Publisher: Prakrit Bharti Academy

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Page 403
________________ कन्हैयालाल लोढ़ा का जन्म धनोप (जिलाभीलवाड़ा-राज०) में मार्गशीर्ष कृष्णा द्वादशी संवत् 1979 में हुआ। आप हिन्दी में एम.ए. हैं तथा साहित्य, गणित, भूगोल, विज्ञान, मनोविज्ञान, दर्शन, अध्यात्म आदि विषयों में आपकी विशेष रुचि है। आपकी लघुवय से ही सत्य-धर्म के प्रति अटूट आस्था एवं दृढ़निष्ठा रही है। आपने जैन-जनेतर दर्शनों का तटस्थतापूर्वक गहन मन्थन कर उससे प्राप्त नवनीत को 200 से अधिक लेखों के रूप में प्रस्तुत किया है । आपका चिन्तन पूर्वाग्रह से दूर एवं गुणग्राहक दृष्टि के कारण यथार्थता से परिपूर्ण होता है। _ विज्ञान और मनोविज्ञान के परिप्रेक्ष्य में जैन धर्मदर्शन' पुस्तक पर आपको ‘स्वर्गीय प्रदीपकुमार रामपुरिया स्मृति पुरस्कार' तथा 'दुःखमुक्ति : सुखप्राप्ति' पुस्तक पर 'प्राचार्यश्री हस्ती-स्मृति-सम्मान' पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। प्रस्तुत 'सकारात्मक अहिंसा' कृति के अतिरिक्त आपको प्रमुख प्रकाशित कृतियां हैं-- 1. दुःखमुक्ति : सुख प्राप्ति 2. जैन धर्मः जीवन धर्म 3. कर्मसिद्धान्त 4. सेवा करें: सुखी रहें 5. जीव-अजीव तत्त्व 6. सैद्धान्तिक प्रश्नोत्तरी 7. जैन तत्त्व प्रश्नोत्तरी 8. दिवाकर रश्मियां 9. दिवाकर देशना 10. दिवाकर वाणी 11. दिवाकर पर्वचिन्तन 12. श्री जवाहराचार्य सूक्तियां 13. वक्तृत्व कला 14. वीतरागयोग 15. जैनागमों में वनस्पति विज्ञान 16. वैराग्य चिन्तवनिका सम्पादित 17. पुण्य-पाप तत्त्व (मुद्रणाधीन) अ० भा० जैन विद्वद् परिषद् के अध्यक्ष होने के साथ आप श्वेताम्बर एवं दिगम्बर दोनों जैन सम्प्रदायों के आगम-मर्मज्ञ जैन विद्वान् हैं। आप एक उत्कृष्ट ध्यान-साधक, चिन्तक, गवेषक और अध्यापक हैं। प्रस्तुत पुस्तक आपके जीवन, चिन्तन एवं सत्यदृष्टि का एक प्रतिबिम्ब है। For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org wan Education International

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