Book Title: Sagar Jain Vidya Bharti Part 3
Author(s): Sagarmal Jain
Publisher: Parshwanath Shodhpith Varanasi

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Page 226
________________ लेखक की कृतियाँ १. जैन, बौद्ध, और गीता के आचार दर्शनों का तुलनात्मक अध्ययन भाग-१ एवं भाग-२ ३. जैन, बौद्ध और गीता का समाज दर्शन ४. जैन, बौद्ध और गीता का साधना मार्ग ५. जैन कर्म सिद्धान्त का तुलनात्मक अध्ययन ६. धर्म का मर्म ७. अर्हत् पार्श्व और उनकी परम्परा ८. ऋषिभाषित : एक अध्ययन ६. जैन भाषा दर्शन १०. तत्त्वार्थसूत्र और उसकी परम्परा ११. अनेकान्तवाद, स्याद्वाद और सप्तभंगी १२. जैन धर्म का यापनीय सम्पद्राय १३. गुणस्थान सिद्धान्त : एक विश्लेषण १४. जैन धर्म और तान्त्रिक साधना 94. Doctoral Dessertation in Jainism and Buddhism (with Dr. A.P. Singh). 16. An Introduction to Jaina Sadhana. 17. Rsibhasita A : A study लघुपुस्तिकाएं (१) अनेकान्त की जीवन दृष्टि (२) अहिंसा की सम्भावनाएं (३) जैन साहित्य और शिल्प में बाहुबली (४) पर्युषण पर्व : एक विवेचन (५) जैन एकता का प्रश्न (६) जैन अध्यात्मवाद (७) श्रावक धर्म की प्रासंगिकता (८) धार्मिक सहिष्णुता और जैन धर्म (६) भारतीय संस्कृति में हरिभद्र का अवदान (१०) जैन साधना पद्धति में तप Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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