Book Title: Sagar Jain Vidya Bharti Part 3
Author(s): Sagarmal Jain
Publisher: Parshwanath Shodhpith Varanasi
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२१८
३१.
३२.
३३.
३४.
पत्तेयबुद्धमिसिणो बीसं तित्थे अरिदृणेमिस्स । पासस्स य पण्ण दस वीरस्स विलीणमोहस्स
11
- इसि भासियाई, पृ० २०५
ऋषिमण्डल प्रकरणम्, गाथा ४४, ४५ पहवागरणदसासु णं ससमय परसमय पण्णवय पत्तेयबुद्धविविहत्थभासा भासियाणं
- समवायांगसूत्र, ५४६
बृहदारण्यक उपनिषद्, द्वितीय अध्याय, चतुर्थ ब्राह्मण ।
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* मानद निदेशक
आगम, अहिंसा-समता एवं प्राकृत संस्थान
पद्मिनी मार्ग उदयपुर (राज० )
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