Book Title: Rayansar
Author(s): Kundkundacharya, Syadvatvati Mata
Publisher: Bharat Varshiya Anekant Vidwat Parishad
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गुणवय तव सय पडिमा गुरुभत्तिविहीणाणं
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१५०
चउगइ संसार गमण चम्मट्ठिमंसलवलुद्दो
रयणसार १५०|ण हु दंडइ कोहादि ७८ णाणब्भास विहीणो
णाणी खवेइ कम्म १३७णाणेण झाणसिद्धि १०६|
णिखेवणय पमाणं
णिच्छय ववहार सरूतं २७णिय अप्पणाण झाण १४६णियतबुवलद्धि १३०णियसुद्धप्पणुरत्तो २८ जिंदावं चण दूरो
१५५
११९
जस्सकित्ति पुण्णलाहे जं जाइजरामरणं जं जं अक्खाण सुह जंतं मंतं तंतं जाव ण जाणइ अप्पा जिण पूया मुणिदाणं जिणलिंग हरो जोई जिण्णुद्धार पदिट्ठा जे पावारंभरदा जेसिं अमेज्झमझे जोइस वेज्जा मंतो जो मुणि भुत्तिवसेसं
१२ तच्च वियारणसीलो
तणु कुट्ठी कुलभंग तिव्वं कायकिलेसं
१०४
१३१
णमिऊंण वद्रमाणं णरह तिरियाइ दुगइ ण वि जाणइ कज्जमकज्ज ण वि जाणइ जोग्गमजोगं ण वि जाणइ सिद्धसरूवं ण सहति इदरदप्पं ण हि दाणं ण हि पूया
दव्यगुणपज्जयेहि दव्वत्यिकाय छप्पण दंडत्तय सल्लत्तय
दसणसुद्धो धम्मज्झाणरत्तो ११७ दाण ण धम्म ण चाग ण ४० दाणु पूया मुक्खं ४० दाणं पूयासोलं १९६/दाणीणं दारिदं १०५ दाणं भोयणमेत्तं ३९ दिण्णाइ सुपत्तदाणं

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