Book Title: Raman Maharshi Evam Aatm Gyan Ka Marg
Author(s): Aathar Aasyon
Publisher: Shivlal Agarwal and Company

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Page 230
________________ सतत उपस्थिति 166 आध्यात्मिक अधिकार के युग मे ऊंचे उठना चाहते हैं, यह एक नयी आशा है, नया माग है। यह केवल उनके जीवन-काल तक ही मीमित नहीं था / जो लोग यह आशका प्रकट करते थे कि उनकी मृत्यु के माथ उनका मार्गदर्शन ममाप्त हो जायगा, उनमे उन्होने व्यग्यपूवक कहा था, "आप इस शरीर को बहुत महत्त्व देते हैं / " पहले की तरह अव भी भगवान् उमका मागदशन करते हैं जो उनके निकट पहुँचता है और जो कोई उनके प्रति समपण करता है, वे उसकी महायता करते हैं। उन सव व्यक्तियो के लिए जो खोज कर रहे हैं, वे यही विराजमान हैं।

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