Book Title: Raj Hriday Part 11
Author(s): 
Publisher: Vitrag Sat Sahitya Prasarak Trust

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Page 410
________________ 20-00 ८१ छढाणा अवयन (लाग-२) 20-00 ८२ छ ढाणा अवयन (लाग-3) २०.०० ૮૩ મુક્તિનો માર્ગ (સત્તા સ્વરૂપ ગ્રંથ પર પૂજ્ય ગુરુદેવશ્રીનાપ્રવચન) ८४ श४हृध्य (भाग-५) ('श्रीभहू राभ्यंद्र' ग्रंथ उपर पूभ्य लाई श्री शशी लाईना समंग प्रवयनो) २०.०० ८५ श४हृध्य (भाग-६) ('श्रीभद्दराभ्यंद्र' ग्रंथ उपर यूभ्य लाईश्री शशीलाई ना समंग प्रवयनो) २०.०० ८६८४हृध्य (भाग-७) ('श्रीभद्दू राष्यंद्र' ग्रंथ उपर यूभ्य लाई श्री शशीलाना समंग प्रवयनो) २०.०० ८७ रानहृध्य (भाग-८) ('श्रीभद्दराभ्यंद्र' ग्रंथ पर यूभ्य लाईश्री शशी लाईना समंग प्रवयनो) २०.०० ८८ शहृध्य (भाग-८) ('श्रीभहू राभ्यंद्र' ग्रंथ उपर यूभ्य लाई श्री शशीलाई ना समंग अवयनो) २०.०० ८९ २४हृध्य (भाग-१०) ('श्रीभ६ राभ्यंद्र' ग्रंथ उपर पूभ्य भाई श्री शशीलाईना समंग प्रवयनो) २०.०० ८९ श४हृध्य (भाग-११) ('श्रीभहू राभ्यंद्र' ग्रंथ उपर यूभ्य लाई श्री शशीलाई ना समंग प्रवयनो) २०.०० ૯૦ અધ્યાત્મ સુધા (ભાગ-૬) ‘બહેનશ્રીનાં વચનામૃત’ ગ્રંથ ઉપર પૂજ્ય ભાઈશ્રી શશીભાઈના સળંગ પ્રવચનો श्री वीतराग सत्साहित्य प्रसारक ट्रस्ट उपलब्ध प्रकाशन (हिन्दी) ग्रंथ का नाम एवं विवरण ०१ अनुभव प्रकाश (ले. दीपचंदजी कासलीवाल ) ०२ आत्मयोग ( श्रीमद् राजचंद पत्रांक- ४६९, ४९१, ६०९ पर पूज्य भाईश्री शशीभाईके प्रवचन) ०३ अनुभव संजीवनी (पूज्य भाई श्री शशीभाई द्वारा लिखे गये वचनामृत्तोंका संकलन) ०४ आत्मसिद्धि शास्त्र पर प्रवचन (पूज्य गुरुदेव श्री द्वारा ) ०५ आत्मअवलोकन ०६ बृहद द्रव्यसंग्रह ०७ द्रव्यदृष्टिप्रकाश (तीनों भाग- पूज्य श्री निहालचंदजी सोगानीजीके पत्र एवं तत्वचर्चा) ०८ दूसरा कुछ न खोज (प्रत्यक्ष सत्पुरुष विषयक वचनामृतोंका संकलन) ०९ दंसणमूलो धम्मा (सम्यक्त्व महिमा विषयक आगमोंके आधार) १० धन्य आराधना (श्रीमद राजचंद्रजीकी अंतरंग अध्यात्म दशा पर रॉ पूज्य भाई श्री शशीभाई द्वारा विवेचन ) ११ दिशा बोध ( श्रीमद राजचंद्र पत्रांक- १६६, ४४९, ५७२ पर पूज्य भाई श्री शशीभाईके प्रवचन) १२ धन्य पुरुषार्थी ૩૯૩ १३ धन्य अवतार १४ गुरु गुण संभारणा ( पूज्य बहिन श्री चंपाबहिन द्वारा गुरु भक्ति) २०.०० मूल्य २०-०० १५०-०० ५०-०० अनुपलब्ध ३०-०० ०६-०० ०६-०० २५-०० १५-००

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