Book Title: Pushpvati Vichar Tatha Sutak Vicahr
Author(s): Khimji Bhimsinh Manek
Publisher: Bhimsinh Manek

View full book text
Previous | Next

Page 23
________________ ( 23 ) तेमज जे पुत्र धन, मकर ने कुंभ राशिमां जन्मे ते घणो जशनामी तथा दीर्घायुषी थाय. सूर्य मंगलवारे जन्मीयो रे, बालक रोगीयो तापी ॥ शनि सोम शुक्र टाढो सदा रे, बुध गुरु बे प्रतापी ॥ ५१ ॥ रविवारे ने मंगलवारे जे जन्मे ते रोगी तथा क्रोधी थाय, शनिवार, सोमवार ने शुक्रवारे बालक जन्मे ते शांत थाय, ने बुधवारे तथा गुरुवारे जन्मे ते महा प्रतापी थाय. पुत्र उदासी उद्वेगमां रे, लाजामृत शुभ वेला ॥ रोगे रोगी क्रोधी कालमां रे, चलमां चोकस चाला ५‍ उद्वेग चोघमीयामां जन्मे ते बालक उदासी थाय, लाभ, अमृताने शुन चोघमीयामां जन्म थाय ते बहु सारो लेखाय बे, रोग चोघमीयामां रोगी छाने काल चोघमीयामां क्रोधी तथा चल चोघमीयामां चोकस प्रकारना चाला करनारो पुत्र थाय. रांध्युं जोजन ऋतुवंती तणुं रे, जाणे लाडु सवाद ॥ जोग जोग माठा मले रे, रोग शोक प्रमाद ॥ ५३ ॥ शतुवंती नारीए जे जोजन रांध्यं होय ते जोजनमां लागु जेटलो स्वाद मानी जे मनुष्य आहार करे तेने अनेक प्रकारना मावा जोगोनो जोग प्राप्त थाय, तथा रोग, शोक छाने प्रमादनो पण तेनामां पार न रहे. वेद पुराण कुरानमां रे, श्री सिद्धांतमां जाख्युं ॥ तुवंती दोष घणो कह्यो रे, पंचांगे पण दाख्युं ॥ ५४ ॥ वेद, पुराण तथा कुरानमां पण लख्युं वे के रुतुवंती नारी

Loading...

Page Navigation
1 ... 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40