Book Title: Prashnottaraikshashti Shatkkavyam
Author(s): Jinvallabhsuri, Somchandrasuri, Vinaysagar
Publisher: Rander Road Jain Sangh

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Page 182
________________ क्रमाङ्क जातिः पद्याङ्क क्रमाङ्क जातिः पद्याङ्क । र५ ४७ १०८, ११५, १२४, १२७, १३५, ४०. वृत्तमध्यस्थितपादोत्तरजाति: १४०, १४९ ३०. मञ्जरीसनाथजातिभेदः- १५७ ४१. व्यस्तद्विसमस्तजाति:- ५३, ९८ . ३१. मन्थानजाति:- १०, ६१, १३२, ४२. व्यस्तविपरीताष्टदलं कमलम्: १३३, १३८, १३९ ३२. मन्थानान्तरजाति:- १२, ३२, ६९, ४३. व्यस्तसमस्तजाति:- ११, २७, २८, ७४, १४३ ३१, ४४, ६५, ९०, १०७, १५८ ३३. मन्थानान्तरजातिविशेष:- १५२, ४४. व्यस्तसमस्तजाति भेदः- २७ १५४ ४५.शब्दार्थलिङ्गवचनभिन्न व्यस्त३४. वर्धमानाक्षरजाति:- ३३, ५४, ८२ समस्तजातिः- २ ३५. वाक्योत्तरजाति:- ७०, ८४, ९२, ४६. शृङ्खलाजाति:-६, ६३, ७१ ९७ __ ४७.श्रीकमध्यस्थितसमवर्णप्रश्नोत्तर३६.विपरीत मञ्जरीसनाथजाति:- जाति:- ८९, ९१, १०५ १०९, १२५, १३६, १४१, १५० ४८.समवर्णप्रश्नोत्तरजाति:- १३, २३, ३७.विपरीतषोडशदलं कमलम्:- ५०, ८७, ९५, ९९, १००, ५८,५९, ७७, ७८ १०१, १०४, १११, ११७, ३८. विपरीताष्टदलं कमलम्:- २०, १२०, १२१, १२३, १३०, १३४ ४९. समस्तव्यस्तजाति:- २१ ३९.विषमजाति:- ७, १५, ३५, ६२, ५०. सौत्रजाति:- १२२ ८५ ११८ *** १२९

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