Book Title: Prameykamalmarttand Parishilan
Author(s): Udaychandra Jain
Publisher: Prachya Shraman Bharati

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Page 340
________________ पूज्य उपाध्याय श्री 108 ज्ञानसागर जी महाराज के आशीर्वाद एवं प्रेरणा से प्रकाशित एवं प्रचारित पुस्तकें 1. तीर्थंकर महावीर और उनकी आचार्य परम्परा (चार भाग) 2. मध्यकालीन जैन सट्टक नाटक 3. षट्खण्डागम लेखन कथा 4. महावीर रास 5. आराधना कथा 6. नाना नानी कहो कहो कहानी 7. भगवान् राम 8. शाकाहार : एक जीवन पद्धति 9. ज्योतिर्धरा 10. समाज निर्माण में महिलाओं का योगदान 11. रत्नकरण्ड श्रावकाचार. 12. खबरों के बीच 13. आशा के सुर : जीवन का संगीत 14. उगता सूरज 15. बैठो बैठो सुनो कहानी 16. शाकाहार एवं विश्वशान्ति 17. विश्वशान्ति एवं अहिंसा परीक्षण 18. धूम्रपान : जहर ही जहर 19. जैनधर्म 20. जैनशासन 21. शाकाहार विजय 22. मेरी जीवनगाथा भाग-२ 23. भव्य कल्याणक 24. सफर की हमसफर 25. तिलोयपण्णत्ति ( तीन भाग ) . 26. डॉ० महेन्द्रकुमार न्यायाचार्य स्मृति ग्रंथ 27. आ० शान्तिसागर (छाणी) स्मृति ग्रंथ 28. गर्भपात : उचित या अनुचित : फैसला आपका 29. मादक पदार्थ व धूम्रपान 30. शाकाहार या मांसाहार : फैसला आप स्वयं करें प्राप्ति स्थान प्राच्य श्रमण भारती 12/A, प्रेमपुरी, निकट जैन मन्दिर मुजफ्फरनगर ( उ०प्र०)-२५१००१ फोन-(०१३१) 432228, 408901

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