Book Title: Praman Varttikam Author(s): Rahul Sankrutyayan Publisher: Kitab Mahal View full book textPage 3
________________ समर्पण In the memory of the Soviet Savant the Academician Dr. Thos. Stcherbatsky (1870-1942) The greatest orientalist of his time. आकर्णितं तव यशो बहुशः सुहृद्भ्यो, - Satara विस्मिततया कृतयस्त्वदीयाः । वैदुष्यमीक्षितमहो नितरां गभीरं लोकोत्तरेव विदिता त्वयि का विभूतिः ॥ १ ॥ कीर्त्तिर्विवृत्तहृदया किल धर्मकीर्तेदौहित्र आत्मसदृशोऽस्तु मनोरथो मे । कुर्याव लेनिनपुरे सह शास्त्र चर्चा - मित्यस्मरः किमु न लोकवियोगकाले ॥२॥Page Navigation
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