Book Title: Prakirna Stavano
Author(s): Bhuvanchandravijay
Publisher: ZZ_Anusandhan
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________________ 140 अनुसन्धान-५६ हुं मांगु हो, हिव अविहड प्रेम कि, नित नित करुंय निहोरडा, मुझ देज्यो हो, सामी भव भव सेव कि, चरण न छोडुं तोरडा...मो० 14 कलशः इम अमरसरपुर संघसुखकर मात वंदा नंदणो, सकलाप सीतलनाथ सामी सकल जण आणंदणो; श्रीवच्छ लाछण वर रूप कंचण रूपसुंदर मोहए, ए तवन कीधउ समयसुंदर सुणत जण मोहए...मो० 15 इति श्रीअमरसरमंडण श्रीशीतलनाथ-बृहत्स्तवनं संपूर्णः समापतं ॥श्री.... खलि(६) चिरमछि (7) मणिहारी (9) पुलाय (13) निहोरडा (14) शब्दकोश खोळ कीरमजी (एक जात, कापड) मणीयारनो धंधो नासी जाय आनंद, मोज

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