Book Title: Prachin Pratima Lekh Sangraha
Author(s): Vishalvijay, Vijaysomchandrasuri
Publisher: Rander Road Jain Sangh

View full book text
Previous | Next

Page 160
________________ પરિશિષ્ટ-૧૧ ૧૩૭ ७६ २०८ १५७ 998 शांतिदास शालक शालिगन शिवदास शिवदेव ४३ १८७ ४२ शिवा शिवा शिवा १८० २३९ ३२७ शिवा शिवाक श्रीचंद्र सचा सता सदाक समधर समधर समधर समधर समधर समरादे सरवण सरवण सरसति सरसति सरूपदे सलखणदे सलूआ सवली (?) सवा १५१ ३७ २६ ११७ २२२ १४ १७० १६४ २०७ १४७ १९२ २२९ सहजलदे श्रीपति श्रीपति श्रीपाल श्रीपाल श्रीमाई श्रीवंत संगारदे ३१० संग्रामसी २७ संघाक संतियक १४७ संपूरदे संपूरी संवमीतजलदे संसारदे सकल (?) सघारू | १०० ३१३ २३३ १४८ १७३ २३८ C सहजलदे सहजू सहसमल्ल सहसवीर सहसा सहसा सहिजलदेवि सहिजा २६ १२३ २३८

Loading...

Page Navigation
1 ... 158 159 160 161 162 163 164 165 166 167 168