Book Title: Prachin Pratima Lekh Sangraha
Author(s): Vishalvijay, Vijaysomchandrasuri
Publisher: Rander Road Jain Sangh
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૧૩૬
१४९ ७७ ३२३
२४९ ३२५
वामादेवी
वारू वारू वालर
પ્રાચીન પ્રતિમા લેખસંગ્રહ
वीरचंद वीरजी वीरपाल वीरपाल वीरम
वालू
२२३
वीरा
वाराई
२२१
वीराम वीरी
९७
१९८
१६६
२८७
वीरी
४६
१२५
वील्हू
२२३ २३४
२०२
वाल्हा वाल्ही
वाहणा विकटासेन? विकलदे
विक्रम विजलदे
विजा विद्याधर
विमल विमलदे विमलादे विरपाल
विरूया विशालधर्म विशालधर्म विशालधर्म
वीवी...
वीसल वीहलादे वुलदे
२१४
१४४
३७
२८२
८
वेला
वेला
२०२
वेला
१७
वेलाउल
२४७
१४४
वेलाक वेलादे
२४८
२७६
विस
विहड वा....(मू)
वीदक वीराक| १६६
वेलाशना
व्यजू
व्यादे शखा(षा) शवजी शांगा
१४३
२३

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