Book Title: Prabandh kosha ka Aetihasik Vivechan
Author(s): Pravesh Bharadwaj
Publisher: Prakrit Bharti Academy

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Page 259
________________ २३४ 1 प्रबन्धकोश का ऐतिहासिक विवेचन ८१ परमहंस - ५२ पादलिप्तसूरिचरितम् ( प्रभाच के परमात्माशरण - १७६ टि० अन्तर्गत प्रबन्ध ) - ४५, परमार -- ८३-८४, १२९, १६२ १५८ परम्परा - १३६-१४३ - पादलिप्ताचार्य प्रबन्ध (पुप्रस के परा ( जाति )- १८१ अन्तर्गत प्रबन्ध ) - १६३ परिशिष्टपर्व -- ५९, ७५ टि०, पादलिप्ताचार्य प्रबन्ध (प्रको के १५६ अन्तर्गत पाँचवाँ प्रबन्ध ) ४४-४७, ११७, टि०, १३८, पल्लव - १४८ टि. १६४ पक्ष ( पखवारा ) -१४९, १५३ पारद ( दे० पारेत जनपद ) १७१ पारसनाथ ( पहाड ) - ७२ पाकिस्तान - ९८ पारा ( आधुनिक पार्वती नदी ) पाण्डेय, गोविन्दचन्द्र -१० टि० - ७१ १०६ टि०, १८८ टि० पारेत जनपद - ६९, ७१-७२ पाण्डेय, चन्द्रभान - ६६ टि० पाजिटर, एफ० ई० - ४३ टि० पाण्डेय, राजबली-४६ टि०. पार्थीवावलि - १६८ ४९ टि०-५० टि०, ६७ टि०, पार्वती नदी -- ७२ ७४ टि० पार्श्वनाथ-१, ४६, ७३, ७८-७९ पाण्डेय, रा० सु० - १ टि० पार्श्वनाथचरित -५ पाण्ड्य -८३, १२२ पार्षिण सेना ( मण्डल-सिद्धान्त के पाटन - ३०, ५१ ___अनुसार )- १२८ पाटन भण्डार - १०२ टि० पालीताणा ( ना ) – ७२, ७८, पाटन संघ - ३१ टि०, १३८ पाहिणि ( हेमचन्द्र की माता )पाटलिपुत्र - ४२-४६, ७४-७५ पाठक, वी० एस० - १ टि० पिण्डोल भारद्वाज -८१ पातालखण्ड - ८० टि० पिशेल, आर० - ५८ टि. पादलिप्त ( आचार्य)-४३-४७, पीटर्सन - १६५, टि० ७४, १५६-१५८ पीठजादेवी - ६६ पादलिप्तपुर ( दे० पालीताणा) पुण्ड्रवर्धनभुक्ति ( उत्तरी बंगाल) पादलिप्तसूरि - ७९ . -८० टि. Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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