Book Title: Prabandh kosha ka Aetihasik Vivechan
Author(s): Pravesh Bharadwaj
Publisher: Prakrit Bharti Academy

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Page 264
________________ अनुक्रमणिका [२३९ भण्डारकर -८१ टि०, १४४ टि० भास्करवर्मन - ७१ टि० भण्डारकर प्रतिवेदन -- ६५ टि. भिलसा - १०५ भड़ौच ( दे. भृगुकच्छ) भिक्षाचर ( कश्मीर के राजा हर्ष भर्तुल (दे० वर्तुल ) ___ का पौत्र)- ८७, ९१ भर्तृहरि - ५३, १२१ भीम I ( चालुक्य )-८३, १०३, भद्रकीति ( बप्पभट्टि का अपर १५६, १५९ नाम) भीम II लघुभीम ( चालुक्य )भद्रबाहु I ( श्रुतकेवली)-३९, ९४-९५, ९९-१००, १०२-१०४ टि. भीमराज - ४५-४६ भद्रबाहु II ( निमित्तवेत्ता)- भीमसिंह (द्वारपाल ) -- ९६, ३९, ७४ १००, १३१ भद्रबाहु III (नियुक्ति-रचयिता व भीष्म-१ टि०, ११२, टि०, ११३ वराहमिहिर का भाई )- भीष्मपर्व -७१ टि० ३८, टि, ३९.४०, १५७ भुवन कोश -- ७१ टि० भद्रबाहु-वराह प्रबन्ध (प्रको के भुवन ( खपटाचार्य का शिष्य ) अन्तर्गत पहला प्रबन्ध ) -- ४२.४३ ३८-४०, १२५, १५८ भूयराज प्रबन्ध (प्रचि के अन्तर्गत भद्रेश्वर नदी - ९६ प्रबन्ध ) - १६१ भम्भुरा ( दे० बम्बेरा) भृगुकच्छ - १४, ४२-४३, ४५भवदेवसूरि -५ ४६, ५१ भाउदाजी-५८ भृगुपुर - ४७ भागवतपुराण - ९९ टि०। भृगुक्षेत्र - ५० भाद्रबाहवीं संहिता -- ३८ भृग्वांगिरस् परिपाटी --- १४० भायाणी, हरिवल्लभ - ११ टि० भरा - २५ भारत-१३६, १४०, १५३, १६९, भोज आदिवराह - ५४-५५, ५५ १७२; टि०, १७३, १७७, १८२, ___टि०-५६ टि० १८९, १९१ भोजत्व - ६८, १४३, टि० भारतीय संवत् - १४४ भोजपद - ६७, १४३, टि भारतीय विद्या भवन (बम्बई) भोजपरमार - ५८, ६१, १२१, -३५ टि० १५६, १५९ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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