Book Title: Patrika Index of Mahabharata
Author(s): Parshuram Lakshman Vaidya
Publisher: Bhandarkar Oriental Research Institute

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Page 15
________________ अकृतात्मानमस्थिरम् ] श्लोकपादसूची [अक्रूरगदसाम्बैश्च अकृतात्मानमस्थिरम् 13. 41. 22. अकृतात्मानमासाद्य 3.268. 11". अकृतान्नं च यत्किंचित् 14. App. 4. 2395 pr. अकृता प्रकृतिः स्मृता 13. App. 3. 161 post. अकृता या प्रहस्तेन 3. 272.60. अकृतार्थ प्रभाषसे 2. 68. 16. अकृतार्था नरर्षभ 12. 346. 134. अकृतार्थाश्च सीदन्ते 12. 461*. 8 pr. अकृतार्था ह्ययं भर्ता 1. 173. 136. अकृतार्थों प्रधावितौ 1. 173.9. अकृतास्त्रं कृतास्त्राश्च 2. 503*. 1 pr. अकृतास्वक मा योत्सीः 7. 114. 69. अकृतास्त्रक मा योधीः 7. 123. 36. अकृतास्त्रश्च भीतश्च 7. App. 8.893 pr. अकृतास्त्रस्य देवेश 8. 24. 1474. अकृतास्त्रं विचक्षणा: 12. 2. 11. अकृतास्त्रः कृतास्त्रं वै 4. 44. 16. अकृतास्त्रेण पृथिवी 3. 228. 14". अकृताहिकमेवैनं 3. 273. 174. अकृतां पुरुषातिगाम् 13. App. 3. 153 post. अकृती लभते भ्रष्टः 13. 6. 11'. अकृते कृतमानित्वम् 14. 36. 144. अकृते तु प्रयत्नेऽस्मान 5. 151. 21. अकृतेनैव कार्येण 5. 150.90. अकृतेयं तव प्रज्ञा 1. 122.90, 350. अकृतेष्वेव कार्येषु 12. 169. 13. अकृत्रिममसंहार्य 12. 243.78M. अकृत्वा कर्म यो लोके 10. 2. 174. अकृत्वा कालसंविदम् 3. 36*. 1 post. अकृत्वा च पितृस्वधाम् 12. 12. 31. अकृत्वा च पुनर्दुःखम् 10. 2. 13. अकृत्वा त्वमिमं मम 5. 144.7. अकृत्वा दारसंग्रहम् 13. App. 14. 338 post. अकृत्वा देवतापूजां 13. 107. 70". अकृत्वा देवपूजां च 13. 496*. 1 pr. अकृत्वा पादयोः शौचं 3.56. 39. अकृत्वा पुरुषः सदा 13. 543*. 1 post. अकृत्वा भरणं पित्रोः 13. App. 2. 40 pr. अकृत्वा भुञ्जते स्वयम् 14. App. 4. 1509 post. अकृत्वा मानुषं कर्म 13. 6. 20%. अकृत्वा मूर्ध्नि तोयं यः 13. App. 14.316A 17 pr. अकृत्वा वचनं तात 5. 123.30. अकृत्वा वचनं पथ्यं 6. 85. 12. अकृत्वा वचनं पश्चात् 15. 18*.2 pr. अकृत्वाश्रुप्रमार्जनम् 12. 348.9. अकृत्वा संविदं कांचित् 1. App. 103.8 pr. 12. 136. 1190. अकृत्वा सदृशं कर्म 3. App. 31.33 pr. अकृत्वा स्वयमाहारं 13. 68. 11deg; App. 15. 3297 pr. 14. App. 4. 2369 pr. अकृत्वा हृदये सर्व 4.747*.2 pr. अकृत्वा हृदि तद्राजा 15. 3. 12. अकृन्तत शरान्बहून् 2. App. 28. 151 post. [अ] कृपासूया मानशोको स्पृहा च 5. 43. 8. अकृशाभिर्वरस्त्रीभिः 14. App. 4. 1400 pr. अकृशांश्च कृशांश्चक्रुः 2. 33.5deg. अकृशांस्तव कुर्वते 2. 33.5. अकृष्टपच्या पृथिवी 7. App. 8.769 pr. 12.29. 189, 132%; 70. 12% 216. 16%; 255. 12. अकृष्टं वै व्रीहियवं 12.236.7. अकृष्टाश्चैव हंसाश्च 12, 160. 254. अकृष्येतां पुनः पुनः 7. 152. 46d. अकोपनापराधेन 13. 45*. 1 pr. अकोपितो ह्येष यदि स्म संख्ये 8.709*.5. अकोशस्यासहायस्य 5. 133. 200. अक्रमेण निवेशे च 1. 1905*. 1 pr. अक्रमेण मनुष्याणां 3. 188. 69. अक्रान्तसलिलं गाहे 14. App. 2. 25 pr. अक्रियायां नरव्याघ्र 9. 34.8. अक्रियायां हि कार्यस्य 3. 11.6. अक्रीडत रणे राजन् 7. 101. 4. अक्रुध्यत तदा भीमः 8. App. 43. 47 pr. अक्रुध्यत भृशं तत्र 8. App. 18.9 pr. अक्रुध्यत महाकायः 6.90. 386. अक्रुध्यत महातेजाः 5. 182. 4. अक्रुध्यत रणे भीमः 9. 18. 450; App. 1. 42 pr. अक्रुध्यत रणे राजन् 7. 91.29. अक्रुध्यत्स तया विद्धे 3. 122. 136. अक्रुध्यत्स महाबाहुः 1. App. 103. 179 pr. 7. App. 16. 36 pr. अक्रुध्यत्सात्यकि शम् 7. 93. 27. अक्रुध्यन्तमहृष्यन्तं 12. 215. 6"; 222. 4. अक्रुध्यन्तो नसूयन्तः 3. 198.730. 12. 262.6". अक्रुध्यन्ननसूयकः 12. 227. 24. अक्रुध्यन्नप्रहृष्यश्च 12.241.50242. 180. अक्रूरगदसाम्बैश्च 3. 48. 24. - 7 -

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