________________ पश्चात्ताप पश्चात्ताप भारतीय नारी : डॉ. भारिल्ल की दृष्टि में बिना डींग हाँके दुर्भाग्य से लड़ने की जितनी क्षमता नारियों में सहज देखी जा सकती है; पुरुषों में उसके दर्शन असंभव नहीं तो दुर्लभ तो हैं ही। - आप कुछ भी कहो, पृष्ठ-५६ __ पण्डितों के प्रवचनों में वह सामर्थ्य कहाँ, जो नारियों के आँसुओं में है। वे अपनी बात को आँसुओं से भीगी भाषा में रखने में इतनी चतुर होती हैं कि बड़े-बड़े धर्मात्मा भी अपने को पापी समझने लगें। - आप कुछ भी कहो, पृष्ठ-७५ नारी जैसी एकनिष्ठता आप अन्यत्र कहीं नहीं पा सकते। वह जिस पर रीझ गई, सो रीझ गई, वह उसी में तन्मय हो जाती है। - सत्य की खोज, पृष्ठ-८२ सहज श्रद्धावान नारी में यदि समुचित शिक्षा के सद्भाव से विवेक का भी विकास हो जावे तो सोने में सुगंध हो जाने की कहावत चरितार्थ हो जावे। - सत्य की खोज, पृष्ठ-१३ जबतक सहज श्रद्धालु नारी जाति शिक्षित नहीं होगी, तब तक उन्हें ढोंगी साधुओं और धूर्त महात्माओं से बचाना असम्भव नहीं तो कठिन अवश्य है। - सत्य की खोज, पृष्ठ-६२ ___ महासती सीता को आदर्श माननेवाली भारतीय ललनाओं को यह याद रखना चाहिए कि अपने ही लोगों के असद्व्यवहार से विरक्त सीता ने आत्महत्या का मार्ग न चुनकर आत्मसाधना का रास्ता अपनाया था। - आप कुछ भी कहो, पृष्ठ-८३ - .