Book Title: Paryushanasthahnika Vyakhyan
Author(s): Manivijay
Publisher: Hirachand Hargovan Kapadia
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________________ भाषान्तरम् पर्युषणाष्टाह्निका व्याख्यान // भाषांतरकारनी प्रशस्तिः॥ इति श्रीमान् तपागच्छरूपी आकाशमंडळने विषे दिनमणि (सूर्य) समान, तेमज महान् गुणगुणना भंडार, गुणरूपी मणिओने उत्पन्न थवाना स्थानभूत रोहणाचल पर्वत समान श्रीमान् मुक्तिविजयजी (मूलचंदजी) गणीना शिष्य गुरुवर्य श्रीमान् गुलाबविजयजी महाराजना शिष्य मुनि मणिविजये रचेली अष्टाहिका व्याख्याननी भाषा समाप्त थइ. संवत् 1970 ना वर्षे आसो शुदि एकादशी अने मंगळवारने दिवसे लुणावाडाने विषे श्री चिंतामणि पार्श्वनाथजीना प्रसादथी आ भाषांतर ग्रंथ समाप्त थयो. PRASNA श्री अष्टाह्निका व्याख्यान भाषांतर समाप्त. // 68 //

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