Book Title: Parshwa Pattavali
Author(s): Gyansundar Maharaj
Publisher: Ratnaprabhakar Gyan Pushpmala

View full book text
Previous | Next

Page 33
________________ (३२) ११६ वीर शासन में गच्छ चौरासी, इनसे भी बहु अधिक लिया। ___ उन सब ने उपकेश गच्छ का, पूज्य भाव से प्रादर किया। जिसका कारण था वे उपकारी, जो महाजन संघ बनाया था। जेष्ठ गच्छथा कारण दूसरा, इनसे पूज्य भाव दर्शाया था। सुविहित हुए शुद्धाचारी, शासन सेवा बजाई थी। श्रीमाल पोरवाल बनाये, प्रोसवंश स्थापना कराई थी। जैनसमाज उन उपकारी का,विनय करे इसमें कौन नवाई है। कोटिश वन्दन चरण कमल में. शानसुन्दर सुखदाई है। सम्वत् उनीसे साल पचाणु, नयानगर है ब्यावर शहर। 'संघ आग्रह से किया चौमासा, आनन्द की बरताई लहर ॥ गुरु उपकार ने करी प्रेरणा, गुणसुन्दर का मिल गया साज । .. जान पंचमी गुरु गुण रचना, जन्म सफल बनाया आज ।। पृष्ट पद्य पंक्ति अशुद्ध संघ शुद्ध संघ ६ . १३ .१ उपकर उपकार १२ : ३८ ... ३. चित्रगेंद - चित्रांगद १४ .. ४६... ३.. सम्मत सम्मेत: ६६ ५२४ थांके थाके

Loading...

Page Navigation
1 ... 31 32 33 34