________________ परामर्श (हिन्दी) पंजीकरण सं. 39889/79 सागरमल जैन : हेमचंद्र की प्रमाणमीमांसा में प्रमाणलक्षण सागरमल जैन : जैन दर्शन का नय सिद्धांत अनेकान्त कुमार जैन : अनेकान्त की आध्यात्मिक चिन्तन धारा रञ्जन कुमार : कर्म, बंधन, मोक्ष : जैन और अद्वैत दृष्टिकोण सुनील राऊत : जैन दर्शन में स्त्री-मोक्ष संबंधी विचारएक दार्शनिक समीक्षा संदीप कुमार : आचार्य भावसेन कृत वेद-प्रामाण्यवाद की समीक्षा मनोज कुमार तिवारी : जैन दर्शन एवं योगवासिष्ठ में आध्यात्मिक विकास की भूमियाँ अनिल कुमार तिवारी : जैन परंपरा में पर्यावरण नीतू बाफना : जैन आगमों में अपरिग्रह बालेश्वर प्रसाद यादव : अनेकान्तवाद : सर्वसमावेशी सांस्कृतिक सहभाव का दर्शन अनिल कुमार सोनकर 120 सामाजिक नैतिकता की वर्तमान में प्रासंगिकता : जैन-धर्म के परिप्रेक्ष्य में ऋषभ जैन समन्तभद्र की दृष्टि में सर्वज्ञता का स्वरूप - रत्नकरण्ड श्रावकाचार के आधार पर सचिन्द्र जैन जैन दर्शन में मन का स्वरूप भिखारी राम यादव : जैन अवक्तव्यता और बौद्ध अव्याकृतवाद - एक तुलनात्मक विवेचन आलोक टण्डन : पुस्तक समीक्षा पूर्णेन्दु भोखर : पुस्तक समीक्षा