Book Title: Panchastikaya Author(s): Publisher: ZZZ Unknown View full book textPage 39
________________ पंचास्तिकाय 41 जिसमें द्वादशांगका रहस्य निहित है ऐसा यह पंचास्तिकायोंका संग्रह करनेवाला संक्षिप्त शास्त्र मैंने जिनवाणीकी भक्तिसे प्रेरित होकर मोक्षमार्गको प्रभावनाके लिए ही कहा है।।१७३।। इस प्रकार पंचास्तिकाय ग्रंथमें नव पदार्थ तथा मोक्षमार्गके विस्तारका वर्णन करनेवाला द्वितीय श्रुतस्कंध समाप्त हुआ।Page Navigation
1 ... 37 38 39