Book Title: Padarth Prakash Part 01 Jeev Vichar Navtattva Author(s): Hemchandrasuri Publisher: Sanghvi Ambalal Ratanchand Jain Religious Trust View full book textPage 4
________________ FO S90 Secco S90009902005946 29efGOS9COM શ્રાદ્ધવર્ય સંઘવી અંબાલાલ રતનચંદ SOper DGC CODEC CODGC CODGS CO-DGCOil आणपाथी पितानीछत्रछायागुभावी, भातासे उछे.. युवानीभां भुंछ आव्या. भोतीनाहागीना परोववानाठार्यभां स्थिरथया. लगभग साई छवन असाताना घ्यने लोगववाभांपसारथयुं.छतां... हैव-गुरु-धर्भप्रत्येअथागश्रद्धा. सुपात्राननोमतिशय प्रेभ. यारित्रन लेवाय त्यांसुधीधपाध. शांतिस्नात्रन थाय त्यांसुधीश्रीजंऽध. (पुत्राष्टिपरिवारे तेभनो नियम पूज्र्यो .) सुपुत्र आयार्थ श्री हेभयंद्रसूरिभ.सा. पुत्रीसाध्वीश्री वसंतप्रभाश्री भ. पुत्रवधूसाध्वीश्रीस्वयंप्रभाश्रीभ. पौत्रीसाध्वीश्री हिव्ययशाश्री भ. विशाण परिवार साथे सुंघरआराधनारीडरावी रह्याछे. धर्भधत्नी श्राद्धवर्या भूणीने तेभनी स्मृति निभित्ते “संघवी संपालाल रतनयं न धार्भि: ट्रस्ट"नी स्थापना हुरी छे. ना अन्वये अगशित सुव्रतना ठार्यो, थया छे तथा थछ रया छे, DOECOCCOOOOODPage Navigation
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