Book Title: Padarth Prakash 27 Navkar Stava
Author(s): Vijayhemchandrasuri
Publisher: Sanghvi Ambalal Ratanchand Jain Dharmik Trust

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Page 125
________________ परिशिष्टः 2 नमस्कारस्तवमूलगाथासूचिः क्र. गाथा पृष्ठ क्र. परमिट्ठिनमुक्कारं, थुणामि भत्तीइ तन्नवपयाणं / पत्थार 1, भंगसंखा 2, नट्ट ३-द्दिट्ठा 4 कहणेणं // 1 // एगाईण पयाणं, गणअंताणं परुप्परं गुणणे। आणुपुब्विप्पमुहाणं, भंगाणं हुंति संखाउ // 2 // एगस्स एगभंगो, दोण्हं दो चेव तिण्ह छभंगा। चउवीसं च चउण्हं, वीसुत्तरसयं च पंचण्हं // 3 // सत्तसयाणि वीसा, छण्हं पणसहसचत्त सत्तण्हं / चालीससहस्स तिसया, वीसुत्तरा हुंति अट्ठण्हं // 4 // लक्खतिगं बासट्ठी, सहस्स अट्ठ य सयाणि तह / असीई नवकारनवपयाणं, भंगसंखाउ नायव्वा // 5 // तत्थ पढमाणुपुव्वी, चरमा पच्छाणुपुब्विया नेया / सेसाओ मज्झिमाओ, अणाणुपुव्वीओ सव्वाओ // 6 // आणुपुब्विभंग हिट्ठा जिटुं, ठविय अग्गओ उवरिं सरिसं / पुचि जिट्ठाइ कमा, सेसे मुत्तुं समयभेयं // 7 // एगाईण पयाणं, उड्डअहोआययासु पंतीसु / पत्थारकरणमवरं, भणामि परिवट्टअंकेहिं // 8 // अंतंकेण विभत्तं, गणगणियं लद्ध अंकु सेसेहि / भइयव्वो परिवट्टो, नेया नवमाइ पंतीसु // 9 // पुव्वगणभंगसंखा, अहवा उत्तरगणंमि परिवट्टो / निय 2 संखा, निय 2 गणअंतंकेण भत्तव्वा // 10 //

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