Book Title: Pacchkhan Margdarshika
Author(s): Arvindsagar
Publisher: Shantidham Jain Tirth

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Page 157
________________ 155 बावन जिनालय श्री रांतेज महातीर्थ । तीर्थ मार्गदर्शक : पूज्य पंन्यास प्रवर श्री अरुणोदयसागरजी म. > जहाँ पर बावन जिनालयं युक्त तीर्थ में २२०० वर्ष प्राचीन भू-गर्भ में से प्रगट हुये मूलनायक यदुकुलभूषण श्री नेमिनाथ प्रभु का साम्राज्य विद्यमान है | > ७५० वर्ष प्राचीन श्री श्रुताधिष्ठात्री मां सरस्वतीदेवी, 1 सूरि मंत्राधिष्ठात्री श्री महालक्ष्मीदेवी विगेरे की प्रतिमाओं से यह तीर्थ विशेष प्रभाव संपन्न बना है। » भोयणी और शंखेश्वरजी महातीर्थ के मध्य में स्थित इस तीर्थ को प्रतिवर्ष ९०० से भी अधिक पू. साधुसाध्वीजी भगवन्तो की वैयावच्च का लाभ मिलता है। जहाँ पर भोजनशाला और धर्मशाला की समुचित व्यवस्था उपलब्ध है। ऐसे पावन और प्राचीन तीर्थ के दर्शनार्थ आप अवश्य पधारे। - श्री रांतेज जैन तीर्थ मु. पो. रांतेज, वाया बलोल, ता. बेचराजी, जि. महेसाणा. फोन : (०२७३४) २६७३२०

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