Book Title: Pacchakhan Author(s): Ajaysagar Publisher: Z_Aradhana_Ganga_009725.pdf View full book textPage 2
________________ ७८ ४. तिविहार उपवास / पाणहार सूरे उग्गए अब्भत्तठं पच्चक्खाइ तिविहंपि आहारं-- असणं, खाइम, साइमं अन्नत्थणा-भोगेणं, सहसा-गारेणं, पारिट्ठावणिया-गारेणं, महत्तरा-गारेणं, सव्व-समाहि-वत्तिया-गारेणं, पाणहार पोरिसिं / साड्ढ-पोरिसिं सूरे उग्गए पुरिमड्ढ / अवड्ढ मुट्ठि-सहि पच्चक्खाइ, अन्नत्थणा-भोगेणं, सहसागारेणं, पच्छन्न-कालेणं, दिसा-मोहेणं, साहु-वयणेणं, महत्तरा-गारेणं, सव्वसमाहि-वत्तिया-गारेणं, पाणस्स लेवेण वा, अलेवेण वा, अच्छेण वा, बहलेण वा, ससित्थेण वा, असित्थेण वा वोसिरइ. ५. चउविहार उपवास सूरे उग्गए अब्भत्तठं पच्चक्खाइ चउब्विहंपि आहारं-- असणं, पाणं, खाइम, साइमं, अन्नत्थणा-भोगेणं, सहसा-गारेणं, पारिट्ठावणिया-गारेणं, महत्तरागारेणं, सव-समाहि-वत्तिया-गारेणं वोसिरइ. शाम के पच्चक्खाण १. पाणहार पाणहार दिवस-चरिमं पच्चक्खाइ अन्नत्थणा-भोगेणं, सहसा-गारेणं, महत्तरागारेणं, सव्व-समाहि-वत्तिया-गारेणं वोसिरइ. २. चउविहार उपवास सूरे उग्गए अब्भत्तढं पच्चक्खाइ चउविहंपि आहारं-- असणं, पाणं, खाइमं, साइमं, अन्नत्थणा-भोगेणं, सहसा-गारेणं, महत्तरा-गारेणं, सव-समाहि-वत्तियागारेणं वोसिरइ. ३. चउबिहार दिवस-चरिमं पच्चक्खाइ चउविहंपि आहारं-- असणं, पाणं, खाइम, साइमं अन्नत्थणा- भोगेणं, सहसा-गारेणं, महत्तरा-गारेणं, सव-समाहि-वत्तियागारेणं वोसिरइ. बहोत मे अच्छे कार्य पहले भसंभव लगते है.Page Navigation
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