Book Title: Ogh Niryukti
Author(s): Bhadrabahuswami, Gyansagarsuri, 
Publisher: Devchand Lalbhai Pustakoddhar Fund

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Page 12
________________ श्रीमती ओपनियुक्तिः / // 8 // पत्रसंख्या विषयानुक्रम 1-2 7-8 श्री ओघनियुक्ति-अवचूरि-संक्षिप्त-विषयानुक्रमः // पत्रसंख्या मंगल उपक्रमश्च 14 तः 221 प्रतिलेखनाद्वारवर्णनम मंगलाचरणम् [गा. 1] __ [गा. 18-523] सम्बन्धाभिधेय 222 तः 386 पिण्डद्वारवर्णनम् प्रयोजननिर्देशः [गा. 2] [गा. 524 तः 989 1/2] ओघशब्दपर्यायाः [गा. 3] 386 तः 424 उपधिद्वारवर्णनम् [गा. 989 1/2 तः 1099] चरणकरणसप्तती [गा. 4-5] 424 तः 430 आयतनद्वारवर्णनम् अनुयोगविचारः [गा. 8-12] [गो. 1100 तः 1122] चरणानुयोगमहत्त्वम् [गा. 8-12] 430 तः 431 प्रतिसेवनाद्वारवर्णनम् / सूत्रस्वरूपचतुर्भङ्गया [गा. 13-14] .. [गा. 1123 तः 1126] ओघनियुक्तिप्रयोजन 431-432 आलोचनाद्वारवर्णनम् / [गा. 14-15-16] [गा. 1127 तः 1129] प्रतिलेखनादिद्वार 433 तः 437 विशुद्धिद्वारवर्णनम् [गा. 1130 तः 1146] सप्तकनिर्देशः [गा. 17 __437 तः 438 उपसंहारः [गा. 1147 तः 1149] 11-12 //// Jain Education intehindi For Private & Personal use only jamelibrary.org

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