Book Title: Nyayvinischay Vivaran Part 02 Author(s): Vadirajsuri, Mahendrakumar Jain Publisher: Bharatiya Gyanpith View full book textPage 3
________________ स्व० पुण्यश्लोका माता मूर्तिदेवीकी पवित्र स्मृतिमें तत्सुपुत्र साहू शान्तिप्रसादजी द्वारा संस्थापित भारतीय ज्ञानपीठ मूर्तिदेवी जैन-ग्रन्थमाला संस्कृत ग्रंथांक १२ 0000000000000000000000000000000000000000000000000000000000000000 इस ग्रन्थमालामें प्राकृत, संस्कृत, अपभ्रंश, हिन्दी, कन्नड, तामिल आदि प्राचीन भाषाओं में उपलब्ध आगमिक, दार्शनिक, पौराणिक, साहित्यिक और ऐतिहासिक आदि विविध विषयक जैन साहित्यका अनुसन्धानपूर्ण सम्पादन और उसका मूल और यथासम्भव अनुवाद आदिके साथ प्रकाशन होगा । जैन भण्डारोंकी सूचियाँ, शिलालेख-संग्रह, विशिष्ट विद्वानों के अध्ययन-ग्रंथ और लोकहितकारी जैन-साहित्य ग्रन्थ भी इसी ग्रन्थमालामें प्रकाशित होंगे। 00000000000000000000000000000000000000000000000000000000000000 ग्रन्थमाला सम्पादक डॉ० हीरालाल जैन, ____ एम० ए०, डी० लिट डॉ० आदिनाथ नेमिनाथ उपाध्याय, एम० ए०, डी.लिट प्रकाशक अयोध्याप्रसाद गोयलीय मन्त्री, भारतीय ज्ञानपीठ दुर्गाकुण्ड, बनारस -..-mannaamanamannamannmamme स्थापनाब्द फाल्गुन कृष्ण ९ वीर नि०२४७० सर्वाधिकार सुरक्षित विक्रम सं० २००० १८ फरवरी सन् १९४४Page Navigation
1 2 3 4 5 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 ... 538