Book Title: Nyayasara
Author(s): Bhasarvagna Acharya, Jaysinhsuri, Satish Chandra Vidyabhushan
Publisher: Asiatic Society

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Page 342
________________ [ ३१७ ] १५८ | प्रामाण्य प्रामाणिक प्राधिक प्रियाप्रिय प्रेत्यभाव १८,२८,३१ १५५,१५८,१५८,२१३,२६३, २६५,२८७ १६,१५७,१५८ | ब्रह्मचर्य २७५,२०६ २८३ | ब्रह्मन् ३५,३८,४०,२५५,२५८, २५० २६५,२७६,२८०,२८६ फ। ब्राह्मण १३०,१६४,१६५,२८५ २,२८,२५०,२६२ फल पा २६६ भरत साधना भक्ति ३८ बहिाप्ति १४८,१५१ / भगवती बहुव्रीहि । भगवान् ३५,५१,२५५,२५६ बाध ५०,१०२,२६५ । भट्टाचार्य बाधक १५,३३,४०,२४४ । २४८ २५२ भव २७५,२८५ बाधा भागासिद्ध ८,११४,११५,१३७ बाध्यत्व भा ८५ बाह्यालो ६५ भाव २१,२२,२१७ भावुक बुद्धि २१,२२,३४,३५,३६,४०, भाष्यकार २५०,२५१,२६०,२८२ भासर्वन २८,४१,४४,४८,५२ बुद्धिशुद्धि भूत ६२,२६७,२६८ बुधौन्द्रिय भूतात्मन् २५४ बुध २२३ भूयस्त्व बीड ६८,१३६,१३८,१४८, । भूषण बीज १८८ Aho! Shrutgyanam

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