Book Title: Nyayamanjari Part 02
Author(s): K S Vardacharya
Publisher: Oriental Research Institute

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Page 790
________________ 337 - हिताहित प्राप्ति हेतुर्दहनसंयोग हेस्वान्तरं तु हेत्वन्तरनिमित्ते 293 533 357 357 हेत्वन्तराद्विनाशो हेत्वाभासास्तु हेत्वाभासकदम्ब हृत्पुण्डरीक 634, 717 632 708

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