Book Title: Nyayakusumanjali
Author(s): Padmaprasad Upadhyay, Dhundiraj Shastri
Publisher: Chaukhamba Sanskrit Series Office

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Page 600
________________ स्तबके, पृष्ठे, 27 जयेतरनिमित्तस्य 28 तर्काभासतयाऽन्येषाम् . Mmm md - - - m 415 , 6 . 485. 1 183 . 5 1805 .. 401 , 6. 19. . 3 س 1 o 3721 2036 427 . . .3 441 in m 29 दुष्टोपलम्भ३० दृष्टंथदृष्टयोः . (न) ... 31 न चासौ कचिदेकान्तः 32 न प्रमाणमनाप्तोक्तिः ३३न बाधोऽस्योपजीव्यत्वात् 34 न वेजात्यम् . 35 नान्यदृष्टम् ... 36 निमित्तभेद 37 निर्णीतशक्तः 38 न्यायचर्चेयम् . . (प) 39 परस्परविरोधे हि 40 पूर्वभावो हि हेतुत्वं 41 प्रतिपत्तेः / 42 प्रतियोगिनि 43 प्रत्यक्षादिभिः 44 प्रमायाः परतन्त्रत्वात् 45 प्रवाहोनादिमान् 46 प्रवृत्तिः कृतिरेवात्र (भ) 47 भावनैव हि यत्नात्मा 48 भावो यथा (म) 49 मितिः सम्यकपरिच्छित्ति (य) 50 योम्यादृष्टिः (व) 51 वर्षादिवद्भवोपाधि 52 विधिर्वक्तुरभिप्रायः 53 विफला विश्ववृत्तिः 54 व्यस्तदूषणाशङ्कः 55 व्याव-भाववत्तैव م م س م م س م ه m - 449 N 210 r . 532 107 م م 475 . س 312. ه 281 567 ه ه ه م س 404

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