Book Title: Nidi Sangaho
Author(s): Sunilsagar
Publisher: Jain Sahitya Vikray Kendra Udaipur
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________________ भारदी-त्युदि। जयदु भारदी, जयदु भारदी-२ जिणवाणी सारदा, सुयदेवी सरस्सदी-२ वीरमुह णिग्गदा, गोदमादिगंथिदा, सुद-सूरी भासिदा, गुणधरादि विरइदा / कुंदकुंद-भारदि, सुद धरादि धारदि, जिनवाणी सारदा, सुयदेवी सरस्सदी / / जयदु. // 1 // अण्णाण-तम-हारिणी, सण्णाण-सुद-कारिणी, ___सदद-संतिदायिणी, बारसंग धारिणी / मिच्छत्त-अंध-णासदि, सम्मत्त-सम्म सासदि, जिणवाणी सारदा, सुयदेवी सरस्सदी / जयदु. // 2 // विसय-विस-रेयणं, जम्ममरण छेदणं, जिणवयण-मोसह, सत्थ हि सुहारसं / कम्मपुंज य जारदि, भवजलहि तारदि, जिणवाणी सारदा, सुयदेवी सरस्सदी / / जयदु. // 3 // पारदशी, आयड़, उदयपुर 2411029 Jain Education International For R-ivate & Porsche wee nie www.jainelibrary.org
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