Book Title: Nay Rahasya
Author(s): Abhaykumar Jain
Publisher: Todarmal Granthamala Jaipur
View full book text
________________
384
परिणति में प्रगटा शुभभाव, अतः बना यह सहज बनाव । श्रुतसेवन का अल्प प्रयास, स्वानुभूति फल की है आस ।। लेखक की अन्य रचनाएँ
स्वतन्त्र कृतियाँ (गद्य)
1. क्रिया, परिणाम और अभिप्राय
2. क्रमबद्धपर्याय निर्देशिका
स्वतन्त्र कृतियाँ (पद्य)
1. प्रतिमा प्रक्षाल पाठ
2. पंच बालयति पूजन
3. चौबीस तीर्थंकर स्तवन
4. बीस तीर्थंकर स्तवन
5. भक्ति सरोवर में संकलित लगभग पचास आध्यात्मिक गीत
संस्कृत / प्राकृत ग्रन्थों का पद्यानुवाद
1. आत्मानुशासन 3. पंचास्तिकाय
5. भगवती आराधना
7. पुरुषार्थसिद्धयुपाय
9. उपदेश सिद्धान्त रत्नमाला
11. प्रवचनसार कलश
13. नियमसार कलश
15. प्रवचनसार
दृष्टि का निधान
3.
5. गुरुदेव स्तुति
सम्पादित कृतियाँ
1. इन्द्रध्वज विधान
3. पंच परमेष्ठी विधान
5. 170 तीर्थंकर विधान
नय - रहस्य
2. लघु तत्त्वस्फोट 4. कार्तिकेयानुप्रेक्षा
6. पद्मनन्दी पंचविंशतिका 8.
10. दशभक्ति संग्रह
गुजराती प्रवचनों / काव्यों का हिन्दी अनुवाद
1. अद्वितीय चक्षु
12. समयसार कलश
14. पंचास्तिकाय कलश
रत्नकरण्ड श्रावकाचार
2.
4.
6.
2. अध्यात्म रत्नत्रय
4.
समवशरण - स्तुति
6.
श्रीमद् राजचन्द्र कृत क्षमापना
कल्पद्रुम विधान
बीस तीर्थंकर विधान
पंचमेरु - नन्दीश्वर विधान

Page Navigation
1 ... 427 428 429 430