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षडशीतिनामक चोथा कर्मग्रन्थनी विषयसूची ।
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गाथा विषय
पत्र १ मङ्गल अने अभिधेयादि
१३१ १ द्रव्यादि चार प्रकारथी नमस्कार
१३१ १ जीवस्थान, मार्गणास्थान, गुणस्थान, उपयोग, योग, लेश्या,बन्ध, अल्पबहुत्व, भाब
अने सङ्घयादि दश मुख्य विषयोनी व्याख्या तेमां लेश्यानुसविशेषनिरूपण १३१-१३४ १ दश विषयोने जीवस्थानादि क्रमथो स्थापवामां कारण १ चौद जीवस्थानमा गुणस्थानादि आठ, चौद मार्गणास्थानमा जीवादि छ अने चौदगुणस्थानमा जीवादि दश पदार्थोनु निरूपण
१३५-१३६ प्रथम जीवस्थान-अधिकार. २ चौद जीवस्थान स्वरूप २ पर्याप्तिनां छ नाम अने तेनु स्वरूप २ लब्धि अने करण अपर्याप्त स्वरूप
१३७ ३ चौद जीवस्थानमां गुणस्थान
१३७ ३ चौद गुणस्थाननां नामो अने तेना साधारण अर्थन निरूपण करती गाथाओ १३७-१३८ ३ कया कया जीवस्थानमां कयां कयां गुणस्थान होय ? तेनु निरूपण
१३९-१४० ३ सयोगि-अयोगिरूप बे गुणस्थानो संज्ञिने केवी रीते होय !
ए शङ्कानुसमाधान पन्दर योगनां नाम
१४०-१४१ औदारिकादि सात योगोनो क्या क्यां सम्भव होय ? तेनु वर्णन ४-५ चौद जीवस्थान पैकी कया कया जीवस्थानमा कया कया __ योग होय ? तेनुमविस्तर वर्णन
१४१-१४३ ५-६ उपयोगनां नामो अने चौद जीवस्थान पैकी कया कया जीव. ___ स्थानमां कया कया उपयोगो होय ? तेनुवर्णन .
१४३-१४५ ६ एकेन्द्रियने श्रुतज्ञान केम घटे ? एनु निरूपण ।
१४४ ७ चौद जीवस्थान पैकी कया कया जीवस्थानमां कई कई लेश्या
होय ? तेनु स्वरूप ७-८ चौद जीवस्थान पैकी कया कया जीवस्थानमा कर्मनी मूल आठ
प्रकृतियोमांथी केटली केटली प्रकृतिनो बन्ध, उदय, उदीरणा अने सत्ता होय ? तेनु स्वरूप
१४५-१४८ द्वितीय मार्गणास्थान-अधिकार ६ चौद मार्गणानां नाम अने तेनु स्वरूप
१४८-१४९ १० गति, इन्द्रिय, काय अने योग आ चार मार्गणाना उत्तर भेदोनी सङ्ख्या अने तेनी व्याख्या
१४४-१५०
१४०
१४१
१४५