Book Title: Navgranthi
Author(s): Yashodevsuri
Publisher: Yashobharti Jain Prakashan Samiti
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________________ अन अन्य-कर्तृक-लभ्य संशोधित ग्रन्थो 1 धर्मसंग्रह [स्वकीय टिप्पन सह] 2 उवएसमाला-उपदेशमाला बालावबोध * : . संपादितग्रन्थ द्वादशारनयचक्रोद्धारटीकार्नु आलेखनादिक पोताना रचेला संस्कृत प्राकृत, अलभ्यग्रन्थो अने टीकाओ 1 अध्यात्मबिन्दु . ७शानसार अवचूर्णि 16 वादार्णव 2 अध्यात्मोपदेश 8 तत्त्वालोकषिवरण 17 विधिवाद 3 अनेककान्त वाद प्रवेश ९त्रिसूत्र्यालोकविवरण 18 वेदान्तनिर्णय 4 अलङ्कारचूडामणिनी टीका [उत्पाद, व्यय, ध्रौव्य उपर] 19 वेदान्तविवेकसर्वस्व [हैमकाव्यानुशासननी स्वोपज्ञ- 10 द्रव्यालोकस्वोपक्ष टीकासह 20 शठप्रकरण 'अलंकारचूडामणि' टीका उपरनी 11 न्यायबिन्दु (?) 21 सिरिपुजलेह टीका 12 न्यायवादार्थ (श्रीपूज्यलेख) 5 आलोकहेतुतावाद ? 13 प्रमा रहस्य 22 सप्तभंगीतरङ्गिणी" 6 छन्दसूडामणिनी टीका 14 मङ्गलवाद 23 सिद्धान्ततर्कपरिष्कार [हेमन्दोनुशासननी स्वोपज्ञ- 15 वाइरहस्य 'छन्दःचूडामणि'नी टीका उपर टीका] आ उपरांत [हारिभद्रीय-] विंशिका प्रकरणो उपरना टीका ग्रन्थो. ते उपरांत अन्तमा * 'रहस्य' शब्दपदथी अलंकृत अनेक प्रकरणग्रन्थो अने ते सिवायनी अन्य उल्लिखित 'चित्ररूप प्रकाश', 'ज्ञानकर्मसमुच्चयवाद' वगेरे नानी म्होटी कृतिओ, ते सिवाय केटलीए अन्य कृतिओ अप्राप्य बनी गई छे. एम समजाय छे.. Julsi

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